निम्नलिखित परिभाषाएं हैं आदिवासी ओझा (Ojha Caste Definition) जनजाति के बारे में-
इस पोस्ट में जानकारी है | |
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1 | आदिवासी ओझा (Ojha Caste Definition) |
2 | क्या ओझा जाति केवल भारत में ही है? या दूसरे देश में भी हैं? |
3 | ओझाओं का देवता कौन है ?(Who is the god of ojha shamanism?) |
4 | प्रसिद्ध ओझा (famous ojha shamans) भगत के नाम- |
5 | ओझा जाति किस कैटेगरी (ojha caste category) में आते हैं ? |
हिंदू धर्म मान्यता अनुसार- शिव शंकर के वाद्य यंत्र को बजाने के कला केवल ओझा जनजातियों को ही है। इसकी जानकारी आदिवासी ओझा होने के कारण इतिहासकारों ने या कुछ कहें ब्राह्मणवाद को सपोर्ट करने वालों ने बातों को छुपाए रखें। इसलिए आज भी ब्राह्मण समुदाय में ओझा सरनेम, झा सरनेम का चलन देखने को मिल रहा है।
हिंदू धर्म में उल्लेख किया गया है कि शिव जी के वाद्य यंत्र को देवनागरी लिपि में डमरु कहा जाता है। आदिवासी गोंड जनजातियों ने भी आदिवासी ओझा के कला से प्रभावित होकर हुल्की नाम से सेम उसी प्रकार के वाद्य यंत्र का निर्माण किया और मनोरंजन के लिए उपयोग करने लगे। आज भी गोंड जाति के लोग नवाखाई के पर्व में हुल्की नृत्य का आयोजन करते हैं।
ओम मंत्र के साथ ओझा डाहकी धुन का मिलन होना ही ओझा शब्द की उत्पत्ति माना गया तभी से ओझा सरनेम भी ब्राह्मणों में आज भी लिखा जाता है साथ में झा सरनेम भी लिखा जा रहा है।
जबकि आदिवासी ओझा जनजातियों के मनोरंजन के मुख्य साधन प्रारंभिक तौर से डाहकी बजाते आ रहे है । डाहकी नाम पारसी शब्दों में कहा जाता है नोगना ,खोजरू ,खोजरी गीतों के साथ आज भी ओझा जनजातियों में हर घर में हर त्योहारों में मनोरंजन के लिए गीत के साथ डाहक बजाए जाता है।
क्या ओझा जाति केवल भारत में ही है? या दूसरे देश में भी हैं?
सामान्यतया ऊपर बताई गई परिभाषा अनुसार अच्छी और बुरी आत्माओं के बारे में जानकारी रखने वालों को ओझा जाति कहते हैं। अक्सर जनजातियों या पारंपरिक बिलों में या गांव में ओझाओं का प्रभाव ज्यादा होता है, और उन्हें धर्म और चिकित्सा दोनों का स्रोत माना जाता है। आज भी कोई इमरजेंसी होता है तो झाड़-फूंक करने के ओझाओं को आमंत्रित किया जाता है।
ओझा जाति का अपना संस्कृति, अपनी भाषा, और अपना ही धर्म मानते हैं। विश्व में ओझा धर्म मानने वाले जिसे हम अंग्रेजी में ओझा धर्म (shamanism, शेमनिज़म) कहते हैं।
साइबेरिया, अफ्रीका, मंगोलिया, मूल अमेरिकी आदिवासी समाज, जापान और भारत समेत ओझाओं को विश्व भर में जनजातियों समाजों में देखा गया है।
वैसे तो आदिवासी ओझा प्राकृतिक पुजारी होते हैं, पेड़ ,पौधा, पशु ,पक्षियों का को पूजते हैं। विभिन्न देवी-देवताओं का ओझा जातियों में चलन है जो देवता प्रमुख रूप से होते है उसमें बलि भी चढ़ाया जाता है।सामान्यतः डोकरा देव, आंगा देव, भूमियारीन, हिंगलाजइन, कंकालिन माता, हरदेव, दूल्हा देव, माडीया आदि प्रकार के देवताओं का पूजा रचना करते हैं। सभी ओझाओं के पास समान रूप से पवित्र देवताओं में धरती माता, चंद्र देवता, सूर्य देवता, पवन देवता, जल देवता, अग्नि देवता, पर्वत आत्मा देवता शामिल रहते हैं।
प्रसिद्ध ओझा(famous ojha shamans) भगत के नाम-
1. भोलानाथ बांसडोला(नेपाल)
2. अंजा नोर्मन्न (स्वीडन)
3. राम सिंह नेताम ओझा(छत्तीसगढ़,भारत)
4. वेरा सकीना, (साइबेरिया)
5. ढोलू उइके ओझा ,(भारत)
ओझा किस कैटेगरी (ojha caste category) में आते हैं ?
अनुसूचित जनजाति में 1,000 से अधिक जाति सम्मिलित है, उनमें से एक है ओझा अत्यंत पिछड़े जनजाति इसी को ध्यान में रखते हुए सरकारी नौकरी में लाभ मिले, सरकारी शिक्षा में लाभ, तमाम सरकारी योजनाओं में लाभ ले सके। इसलिए अनुसूचित जनजाति के लिस्ट में ओझा जाति को भी सम्मिलित किया गया है अर्थात इन्हें आरक्षण प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe, ST) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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